अक्सर हम कुछ लहमों को जीते है
जवानी के कदमों में
बचपन की मासूमियत खोते है
दूर हो जाती है जिंदगी
अहसास जब तलक खोए पलों का होता है
खालीपन जब कचोटने लगता है
मुड़ कर देखना भी
नागवारा लगता है
क्योंकि हिसाब उन पलों का
आज भी आधा ही नजर आता है
आधा ही नजर आता है
जवानी के कदमों में
बचपन की मासूमियत खोते है
दूर हो जाती है जिंदगी
अहसास जब तलक खोए पलों का होता है
खालीपन जब कचोटने लगता है
मुड़ कर देखना भी
नागवारा लगता है
क्योंकि हिसाब उन पलों का
आज भी आधा ही नजर आता है
आधा ही नजर आता है
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