उनकी नफ़रत से भी
मोहब्बत की महक आती है
कैसी ना जाने ये लगी है
ज़ालिम बददुआ भी दुआ नज़र आती है
ख़ामोश लबों से भी
लफ्जों की झलक आती है
घूँघट के झरोखों से भी
क़ातिल नजरें नज़र आती है
कफ़न के टूकड़े से भी
आँचल की झलक आती है
उनकी नफरत से भी
मोहब्बत की महक आती है
मोहब्बत की महक आती है
कैसी ना जाने ये लगी है
ज़ालिम बददुआ भी दुआ नज़र आती है
ख़ामोश लबों से भी
लफ्जों की झलक आती है
घूँघट के झरोखों से भी
क़ातिल नजरें नज़र आती है
कफ़न के टूकड़े से भी
आँचल की झलक आती है
उनकी नफरत से भी
मोहब्बत की महक आती है
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