अर्ध सत्य दुनिया दिखलाती है
नजारा कुछ ऐसा दिखलाती है
धुंध के चादर में लिपटे सितारों को
जैसे चाँद बताती है
छटे कोहरे के बादल पहले इसके
अपने तिल्सिम का हुनर दिखलाती है
बेजुबाँ में भी जुबां बतलाती है
ऐतबार ऐसा दिखलाती है
जो ह नहीं उसके सपने दिखलाती है
वाकई हर अंदाज में
एक नयी उपस्तिथि दर्ज कराती है
मासूमियत की आड़ में
लुटेरों का संसार चलाती है
अर्धसत्य दुनिया दिखलाती है
अर्धसत्य दुनिया दिखलाती है
नजारा कुछ ऐसा दिखलाती है
धुंध के चादर में लिपटे सितारों को
जैसे चाँद बताती है
छटे कोहरे के बादल पहले इसके
अपने तिल्सिम का हुनर दिखलाती है
बेजुबाँ में भी जुबां बतलाती है
ऐतबार ऐसा दिखलाती है
जो ह नहीं उसके सपने दिखलाती है
वाकई हर अंदाज में
एक नयी उपस्तिथि दर्ज कराती है
मासूमियत की आड़ में
लुटेरों का संसार चलाती है
अर्धसत्य दुनिया दिखलाती है
अर्धसत्य दुनिया दिखलाती है
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