कितना हसीन वो दिन था
परिणय उत्सव माहौल था
शहनाई की धुन
सज रहा मंगल गान था
वरण करने चाँदनी को
चाँद
सितारों की बारात ले आया था
अंगीकार कर उस सृष्टि रचना को
जीवन अर्धांगनी बना लाया था
बांधने आशीर्वाद का समां
उस मंजर
खुद खुदा भी साक्षी बन आया था
कितना हसीन वो दिन था
परिणय उत्सव माहौल था
शहनाई की धुन
सज रहा मंगल गान था
वरण करने चाँदनी को
चाँद
सितारों की बारात ले आया था
अंगीकार कर उस सृष्टि रचना को
जीवन अर्धांगनी बना लाया था
बांधने आशीर्वाद का समां
उस मंजर
खुद खुदा भी साक्षी बन आया था
कितना हसीन वो दिन था
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