किनारों ने किनारा कर लिया
जज्बातों के आवेग को
कोई सहारा ना रहा
टूटे किनारों को तोड़
प्रलय जो चली आयी
अश्रुओं की तीव्र धाराओं ने
ह्रदय कि
अंतरआत्मा झिंझोर डाली
सैलाब के इस कहर ने
आंसुओ कि नयी गाथा लिख डाली
जज्बातों के आवेग को
कोई सहारा ना रहा
टूटे किनारों को तोड़
प्रलय जो चली आयी
अश्रुओं की तीव्र धाराओं ने
ह्रदय कि
अंतरआत्मा झिंझोर डाली
सैलाब के इस कहर ने
आंसुओ कि नयी गाथा लिख डाली
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