हृदय परिवर्तन कि
तू भी अभिलाशा रख हे मानव
जब एक प्रहार में
पत्थर बदल अपना स्वरुप
लग मंदिर में खुदा कहला सकता है
जड़ अँगूठी में हीरा कहला सकता है
फिर क्यों नहीं तुम बदल सकते
अपना ये घिघौना स्वरुप
उतार दो मुखौटे को
धारण करलो कुदरत का सच्चा स्वरुप
धारण करलो कुदरत का सच्चा स्वरुप
तू भी अभिलाशा रख हे मानव
जब एक प्रहार में
पत्थर बदल अपना स्वरुप
लग मंदिर में खुदा कहला सकता है
जड़ अँगूठी में हीरा कहला सकता है
फिर क्यों नहीं तुम बदल सकते
अपना ये घिघौना स्वरुप
उतार दो मुखौटे को
धारण करलो कुदरत का सच्चा स्वरुप
धारण करलो कुदरत का सच्चा स्वरुप