फूलों के इस गुलदस्ते में
तेरी शोखियों से मिलते
रंग बिरंगे गुलाब सजाए है
तेरे हुस्न की ताबीर से
जो मुस्का उठे
वो गुलाब सजाए है
देख चाँद भी जिसे लज्जा जाये
ऐसे गुलाबों से तेरा
कजरा सजाए है
सदा तुम भी महकती रहो
इन गुलाबों कि तरह
सौगात में इसलिए गुलाब सजाए है
तेरी शोखियों से मिलते
रंग बिरंगे गुलाब सजाए है
तेरे हुस्न की ताबीर से
जो मुस्का उठे
वो गुलाब सजाए है
देख चाँद भी जिसे लज्जा जाये
ऐसे गुलाबों से तेरा
कजरा सजाए है
सदा तुम भी महकती रहो
इन गुलाबों कि तरह
सौगात में इसलिए गुलाब सजाए है
Thanks sir
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