ढूँढता हूँ तलाशता हूँ
मुस्कराते चेहरे के पीछे छिपे
ग़मों के राज तलाशता हूँ
संजीदा जैसे मुँख आभा मण्डल
शांत धैर्यवान चित सुन्दर
धारण किये हुए नहीं कोई
व्यंग बाण दिल के अंदर
फिर भी चमक कहती आँखों कि
सूखे आँसुओ के इस समंदर में
राज कई दफ़न है
इन वीरान बेबस स्थिर आँखों में
झरोखा जो दिल का खुल गया
सैलाब ऐसा आ जाएगा
बह जायेगी जिंदगानी
सन्नाटा हर ओर छा जाएगा
राज इसलिए राज ही रह जाएगा
ग़मों में भी चेहरा
मुस्करता नजर आएगा
मुस्कराते चेहरे के पीछे छिपे
ग़मों के राज तलाशता हूँ
संजीदा जैसे मुँख आभा मण्डल
शांत धैर्यवान चित सुन्दर
धारण किये हुए नहीं कोई
व्यंग बाण दिल के अंदर
फिर भी चमक कहती आँखों कि
सूखे आँसुओ के इस समंदर में
राज कई दफ़न है
इन वीरान बेबस स्थिर आँखों में
झरोखा जो दिल का खुल गया
सैलाब ऐसा आ जाएगा
बह जायेगी जिंदगानी
सन्नाटा हर ओर छा जाएगा
राज इसलिए राज ही रह जाएगा
ग़मों में भी चेहरा
मुस्करता नजर आएगा
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