हम उन राहों में जिंदगी छोड़ आये
जहाँ कभी दिल कि शमा रोशन हुआ करती थी
चमन कि आगोश में शाम ढला करती थी
साक्षी थी वो हसीन चाँदनी रात
करवट ले ली थी किस्मत ने
जब कुदरत के हाथ
सुन के भी दिल कि रुंदन पुकार
धड़कने लौटा ना पायी
रूठी साँसों कि साज
जहाँ कभी दिल कि शमा रोशन हुआ करती थी
चमन कि आगोश में शाम ढला करती थी
साक्षी थी वो हसीन चाँदनी रात
करवट ले ली थी किस्मत ने
जब कुदरत के हाथ
सुन के भी दिल कि रुंदन पुकार
धड़कने लौटा ना पायी
रूठी साँसों कि साज
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