तेरे प्यार के नगमों पे मैं इतराऊ
बन पवन का झोंका
तेरे संग संग लहराऊ
तू ही है जन्नत मेरी
मैं तेरी आँखों में बस जाऊ
तेरे गीतों पे दीवानों सा इतराऊ
साज बन तरानों सा बहता जाऊ
मैं तेरी सरगम में घुल मिल जाऊ
दिल में तेरे मैं बस जाऊ
तेरे प्यार के नगमों पे मैं इतराऊ
बन पवन का झोंका
तेरे संग संग लहराऊ
तू ही है जन्नत मेरी
मैं तेरी आँखों में बस जाऊ
तेरे गीतों पे दीवानों सा इतराऊ
साज बन तरानों सा बहता जाऊ
मैं तेरी सरगम में घुल मिल जाऊ
दिल में तेरे मैं बस जाऊ
तेरे प्यार के नगमों पे मैं इतराऊ
महोदया
ReplyDeleteप्रोत्साहन के लिए आभारी
कल 17/10/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
ReplyDeleteधन्यवाद!