ओरी सखी रे सुन रे सखी रे
मैं तो आज मयूर बन नाचु रे
कभी तेरे माथे की बिंदिया बन इतराऊ रे
कभी तेरा घूँघट बन शरमाऊं रे
ओरी सखी रे सुन रे सखी रे
मैं तो आज गगन गगन उड़ता फिरू रे
कभी तेरा आँचल बन लहराऊ रे
कभी तेरी पायल बन खंनखाऊ रे
ओरी सखी रे सुन रे सखी रे
मैं तो गीत आज मिलन के गाऊं रे
कभी तेरे बोल बन गुनगुनाऊं रे
कभी तेरे लबों पे सज जाऊं रे
ओरी सखी रे सुन रे सखी रे
मैं तो आज तेरा बन जाऊं रे
कभी तेरी साँसे बन मुस्काऊं रे
कभी तेरी धड़कन बन दिल में बस जाऊं रे
ओरी सखी रे सुन रे सखी रे
दिल की मेरे सुनले रे
ओरी सखी रे सुन रे सखी रे
ओरी सखी रे सुन रे सखी रे
मैं तो आज मयूर बन नाचु रे
कभी तेरे माथे की बिंदिया बन इतराऊ रे
कभी तेरा घूँघट बन शरमाऊं रे
ओरी सखी रे सुन रे सखी रे
मैं तो आज गगन गगन उड़ता फिरू रे
कभी तेरा आँचल बन लहराऊ रे
कभी तेरी पायल बन खंनखाऊ रे
ओरी सखी रे सुन रे सखी रे
मैं तो गीत आज मिलन के गाऊं रे
कभी तेरे बोल बन गुनगुनाऊं रे
कभी तेरे लबों पे सज जाऊं रे
ओरी सखी रे सुन रे सखी रे
मैं तो आज तेरा बन जाऊं रे
कभी तेरी साँसे बन मुस्काऊं रे
कभी तेरी धड़कन बन दिल में बस जाऊं रे
ओरी सखी रे सुन रे सखी रे
दिल की मेरे सुनले रे
ओरी सखी रे सुन रे सखी रे
ओरी सखी रे सुन रे सखी रे
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