आंसुओ से पुरानी पहचान है
जन्म के समय कुदरत से मिली सौगात है
खारी होती आंसुओ की धार है
मगर अनमोल होती इनकी पुकार है
ख़ुशी हो या गम
छलकाती जब ये अपना पैमाना है
रो पड़ता दिल बेचारा है
इनको नहीं समय का कोई ठोर ठिकाना है
वक़्त बेवक्त चल दे देती है
छोड़ पलकों का सहारा है
जन्म के समय कुदरत से मिली सौगात है
खारी होती आंसुओ की धार है
मगर अनमोल होती इनकी पुकार है
ख़ुशी हो या गम
छलकाती जब ये अपना पैमाना है
रो पड़ता दिल बेचारा है
इनको नहीं समय का कोई ठोर ठिकाना है
वक़्त बेवक्त चल दे देती है
छोड़ पलकों का सहारा है