कबूल कर ली हमने उस सौगात को
पैगाम छिपा था जिसमें
दुआयें नजर यार को
ढह गयी दीवारें
सिमट गए फासले
कशिश के इस पैगाम में
बदल गयी दुनिया
इश्क ए जूनून की राह में
मिल गया जैसे कोई खुदा
कशिश की इस छावं में
कबूल कर ली हमने उस सौगात को
पैगाम छिपा था जिसमें
दुआयें नजर यार को
ढह गयी दीवारें
सिमट गए फासले
कशिश के इस पैगाम में
बदल गयी दुनिया
इश्क ए जूनून की राह में
मिल गया जैसे कोई खुदा
कशिश की इस छावं में
कबूल कर ली हमने उस सौगात को
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