पेड़ दरख्त कहते है
मेरी भी सुनते जाओ
सुध मेरी भी लेते जाओ
सिर्फ नारों से काम नहीं होता
वन बचाओं पेड़ लगाओ
ओर विकास के नाम
गर्दन मेरी रेंत डालों
अगर करनी ही रक्षा प्रयावर्णन की
कुदरत के विनाश से
तो दे दो जीने का अधिकार मुझे
नहीं तो ध्वंस हो जायेगी
सारी कायनात सृष्टि के प्रकोप से
मेरी भी सुनते जाओ
सुध मेरी भी लेते जाओ
सिर्फ नारों से काम नहीं होता
वन बचाओं पेड़ लगाओ
ओर विकास के नाम
गर्दन मेरी रेंत डालों
अगर करनी ही रक्षा प्रयावर्णन की
कुदरत के विनाश से
तो दे दो जीने का अधिकार मुझे
नहीं तो ध्वंस हो जायेगी
सारी कायनात सृष्टि के प्रकोप से
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