गुनाह वह बड़ा ही हसीन था
आँखों ने ही क़त्ल कर डाला था
नजरे ज्यूँ ही चार हुई
उन सुन्दर नयनों से
थम गयी साँसे
डूब गया दिल
उन सुन्दर चंचल नयनों की
मोहिनी चाल में
क़त्ल कर दिया आँखों ने इस दिल का
आँखों ही आँखों में
आँखों ने ही क़त्ल कर डाला था
नजरे ज्यूँ ही चार हुई
उन सुन्दर नयनों से
थम गयी साँसे
डूब गया दिल
उन सुन्दर चंचल नयनों की
मोहिनी चाल में
क़त्ल कर दिया आँखों ने इस दिल का
आँखों ही आँखों में
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