खूबसूरती की उनका
चाँद भी कायल हो गया
रूप रंग पे मुग्ध हो
दर्पण भी घायल हो गया
रिंझ
मृगनयनी चंचल हिरनी सी माया पे
कंचन कोमल कामिनी सी काया पे
झुक गया आसमां भी आधा
देख
लाजों हया की हंसिनी मूरत
मुखड़े पे हँसी की सूरत
शरमा कुदरत का आफताब भी गया
खूबसूरती की उनका
चाँद भी कायल हो गया
चाँद भी कायल हो गया
रूप रंग पे मुग्ध हो
दर्पण भी घायल हो गया
रिंझ
मृगनयनी चंचल हिरनी सी माया पे
कंचन कोमल कामिनी सी काया पे
झुक गया आसमां भी आधा
देख
लाजों हया की हंसिनी मूरत
मुखड़े पे हँसी की सूरत
शरमा कुदरत का आफताब भी गया
खूबसूरती की उनका
चाँद भी कायल हो गया
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