शुक्रिया ये जिन्दगी
उन खुश नुमा पलों के लिए
बदल के जिंदगानी
खोल दिए जन्नत के द्वार
जब तुमने मेरे साये के लिए
हसीन बहुत ही वो लहमा था
सितारों की महफ़िल में
मैं अकेला चाँद का टुकड़ा था
खुशियों ने मुखड़ा ऐसा दमकाया
देख के दर्पण भी शरमा आया
टूट ना पाए बस ये सपना
हर पल ऐसा ही सुन्दर हो मन अपना
हर पल ऐसा ही सुन्दर हो मन अपना
उन खुश नुमा पलों के लिए
बदल के जिंदगानी
खोल दिए जन्नत के द्वार
जब तुमने मेरे साये के लिए
हसीन बहुत ही वो लहमा था
सितारों की महफ़िल में
मैं अकेला चाँद का टुकड़ा था
खुशियों ने मुखड़ा ऐसा दमकाया
देख के दर्पण भी शरमा आया
टूट ना पाए बस ये सपना
हर पल ऐसा ही सुन्दर हो मन अपना
हर पल ऐसा ही सुन्दर हो मन अपना
No comments:
Post a Comment