यादों की बारिस हो
सपनों का संसार हो
रूमानी ख्यालों में
गुजरे पल के दीदार हो
रह ना जाए कोई बात अधूरी
क्योँ ना फिर एक हसीन मुलाक़ात हो
ठहर जाए ये समां यही
कहीं आँधियों का शोर ना हो
अफ्सानो के इस पल
अपने दरमियाँ कोई ओर ना हो
बस मेरी तन्हाई हो
ओर तेरी मीठी मीठी यादों का साथ हो
सपनों का संसार हो
रूमानी ख्यालों में
गुजरे पल के दीदार हो
रह ना जाए कोई बात अधूरी
क्योँ ना फिर एक हसीन मुलाक़ात हो
ठहर जाए ये समां यही
कहीं आँधियों का शोर ना हो
अफ्सानो के इस पल
अपने दरमियाँ कोई ओर ना हो
बस मेरी तन्हाई हो
ओर तेरी मीठी मीठी यादों का साथ हो
बस मेरी तन्हाई हो
ReplyDeleteऔर तेरी मीठी मीठी यादों का साथ हो
..बहुत सुन्दर यादों का समां ..
कविता जी
ReplyDeleteमेरी रचना " यादों की बारिस " पसंद करने के लिए धन्यवाद्
सादर
मनोज क्याल