Thursday, May 30, 2013

यादों की बारिस

यादों की बारिस हो

सपनों का संसार हो

रूमानी ख्यालों में

गुजरे पल के दीदार हो

रह ना जाए कोई बात अधूरी

क्योँ ना फिर एक हसीन मुलाक़ात हो

ठहर जाए ये समां यही

कहीं आँधियों का शोर ना हो

अफ्सानो के इस पल

अपने दरमियाँ कोई ओर ना हो

बस मेरी तन्हाई हो

ओर तेरी मीठी मीठी यादों का साथ हो

नजरे

जबसे तुमसे नजरे चार हुई

खुद से ये अनजान हुई

लुट गयी इनकी चंचल रोशनी

गुमशुम सी ये खामोश हुई

शरमों हया से झुकी हुई

ये तेरी गुलाम हुई

जबसे तुमसे नजरे चार हुई

खुद से ये अनजान हुई

Monday, May 27, 2013

एक अहसास

क्यों तुम सिर्फ एक अहसास हो

क्यों नहीं  मेरे पास हो

तलाशती है नजरे उस पल को

जन्म लिया इस अहसास ने जिस पल को

सोचता हु जब बंद कर आँखों को

तस्वीर तब बुनता हु इन अहसासों की

रंग भर जाते है इनमे दिल के अरमानों से 

जूनून बन गयी अब अहसास की यह छाया

मिलने को आतुर तुमसे

तलाश रही तेरा साया

फिर क्यों नहीं तुम मेरे पास हो

क्यों सिर्फ एक अहसास हो

क्यों सिर्फ एक अहसास हो

Monday, May 13, 2013

मेरी डाली के फूल

मेरी डाली के है दो सुन्दर फूल

इनकी हर पंखुड़ियों से झलके

किरण का नया स्वरुप

इनकी खुशबुओं से महके

मेरी बगिया का रूप

कोमल मासूम ये सुन्दर फूल

मेरी डाली के ये दो सुन्दर फूल

उपहार ये कुदरत का

नन्हें से ये दो फूल

जीवन ज्योत बन चमके

मेरी आँखों के ये नूर

मेरी डाली के ये दो सुन्दर फूल 

आँसुओ का दर्द

तुने आँसुओ में मेरा दर्द छिपा रखा है

ऐसे इन्हें रुलाया ना करो

दर्द को मेरे ऐसे सताया ना करो

तेरी ताकत है ये

ऐसे इनपे सितम ढाया ना करो

इन बेस्किमती नूरो को यूं ना बहाया करो

खुश रहो सदा इतना

मिलन इनसे फिर दुबारा ना हो

कर दो रहम बस इतना सा

दर्द को मेरे तुम अपनाया ना करो

रो रो के मुझे ओर रुलाया ना करो

रुलाया ना करो 

Wednesday, May 8, 2013

शुक्रिया

शुक्रिया ये जिन्दगी

उन खुश नुमा पलों के लिए

बदल के जिंदगानी

खोल दिए जन्नत के द्वार

जब तुमने मेरे साये के लिए

हसीन बहुत ही वो लहमा था

सितारों की महफ़िल में

मैं अकेला चाँद का टुकड़ा था

खुशियों ने मुखड़ा ऐसा दमकाया 

देख के दर्पण भी शरमा आया

टूट ना पाए बस ये सपना

हर पल ऐसा ही सुन्दर हो मन अपना

हर पल ऐसा ही सुन्दर हो मन अपना



 

Thursday, May 2, 2013

अफसाना

दर्द भरी दास्ताँ भी

खुशियों का खजाना है

कुछ पल के आंसुओ के बाद

सिर्फ फसाना ही फ़साना है

ना गम का कोई ठिकाना है

ना आंसुओ का कोई पैमाना है

दर्द का तो बस

अफसाना ही अफसाना है 

आँचल की छावं

छुपा ले चंदा मुझको अपने आँचल की छावं में

बंध जाए ऐसे बंधन की पाश में

छिटके चाँदनी मिलन राग की आस में

मेघों का घूँघट

सितरों के पनघट की आड़ में

खो जाए तेरी मस्तानी चाल में

महकने लगे जीवन कलियाँ

अपने मिलन के ख्याल में

छुपा ले चंदा मुझको अपने आँचल की छावं में