नींद आँखों से कोसों दूर थी
पर तेरी बाहों के आलिंगन में
अपनी दुनिया टटोल रही थी
मिट जाए इस दरमियाँ सारे फ़ासले
प्यार भरे वो सपने संजो रही थी
खुली आँखों से
मन ही मन तस्वीर तेरी बुन रही थी
ताकि तस्वीर तेरी ही दीखे इन आँखों में
खाब्ब हसीन वो बुन रही थी
ओर नींद आँखों से कोसों दूर थी
पर तेरी बाहों के आलिंगन में
अपनी दुनिया टटोल रही थी
मिट जाए इस दरमियाँ सारे फ़ासले
प्यार भरे वो सपने संजो रही थी
खुली आँखों से
मन ही मन तस्वीर तेरी बुन रही थी
ताकि तस्वीर तेरी ही दीखे इन आँखों में
खाब्ब हसीन वो बुन रही थी
ओर नींद आँखों से कोसों दूर थी
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