कोरा कागज़ नहीं ये मेरी जान
मेरे दिल का दर्पण है ये मेरी आन
प्रतिबिंब नजर आएगा
रखोगी इसे जब ह्रदय के पास
बंद कर आँखे
फेरोगी जब इसपे हाथ
सुनाई देगा दिल ए मेरा हाल
कोरे ख़त की ये अदृश्य अनुभुति
सचे प्यार का है आगाज
स्पष्ट होने लगेगा हर छिपा पैगाम
फ्रस्फुटित होगा जब ढाई आखर का ज्ञान
तुम ही हो मेरे दिल की हमराज
कोई ओर जान ना पाये ये राज
भेज दिया इसलिए
कोरे कागज़ पे उभार दिल ए हाल
सुननी हो जो अपनी धड़कने
मेरी धडकनों के नाल
रखना सदा इसे अपने दिल के पास
कोरा कागज़ नहीं ये मेरी जान
मेरे दिल का दर्पण है ये मेरी आन
कोरा कागज़ नहीं ये मेरी जान
मेरे दिल का दर्पण है ये मेरी आन
प्रतिबिंब नजर आएगा
रखोगी इसे जब ह्रदय के पास
बंद कर आँखे
फेरोगी जब इसपे हाथ
सुनाई देगा दिल ए मेरा हाल
कोरे ख़त की ये अदृश्य अनुभुति
सचे प्यार का है आगाज
स्पष्ट होने लगेगा हर छिपा पैगाम
फ्रस्फुटित होगा जब ढाई आखर का ज्ञान
तुम ही हो मेरे दिल की हमराज
कोई ओर जान ना पाये ये राज
भेज दिया इसलिए
कोरे कागज़ पे उभार दिल ए हाल
सुननी हो जो अपनी धड़कने
मेरी धडकनों के नाल
रखना सदा इसे अपने दिल के पास
कोरा कागज़ नहीं ये मेरी जान
मेरे दिल का दर्पण है ये मेरी आन
कोरा कागज़ नहीं ये मेरी जान
अच्छी रचना
ReplyDeleteबहुत सुंदर