स्वर शब्दों की अनूठी भाषा
मीठी वाणी अमृत का प्याला
छलके ऐसे गागर से सागर जैसे
इस सुन्दर माध्यम की
नहीं कोई परिभाषा
समाई जिसमे सृष्टि की अभिलाषा
सक्षम है अक्षरों की भाषा
प्रगट होती इनके हर भावों में चेतना
चाहे ख़ुशी हो या वेदना
हर अक्षरों में समाहित जीवन संवेदना
मीठी वाणी अमृत का प्याला
छलके ऐसे गागर से सागर जैसे
इस सुन्दर माध्यम की
नहीं कोई परिभाषा
समाई जिसमे सृष्टि की अभिलाषा
सक्षम है अक्षरों की भाषा
प्रगट होती इनके हर भावों में चेतना
चाहे ख़ुशी हो या वेदना
हर अक्षरों में समाहित जीवन संवेदना
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