जिन रंगों में जिया करते थे
उन रंगों से नाता तोड़ लिया
बात रंगों में अब वो ना थी
मुस्कान उनमें अब पहली सी ना थी
बदल गयी थी तस्वीर पुरानी
श्याम स्वेत हो गयी थी जिन्दगी बेचारी
लाचारी थी यह बड़ी भारी
रंगों ने बिगाड़ दी थी तस्वीर की कहानी
अधिक रंगों के पुट से
बदरंग हो गयी थी जिन्दगी बेचारी
रंग अब जीवन से दूर थे
पर श्याम स्वेत भी कहा रूमानी कम थे
उन रंगों से नाता तोड़ लिया
बात रंगों में अब वो ना थी
मुस्कान उनमें अब पहली सी ना थी
बदल गयी थी तस्वीर पुरानी
श्याम स्वेत हो गयी थी जिन्दगी बेचारी
लाचारी थी यह बड़ी भारी
रंगों ने बिगाड़ दी थी तस्वीर की कहानी
अधिक रंगों के पुट से
बदरंग हो गयी थी जिन्दगी बेचारी
रंग अब जीवन से दूर थे
पर श्याम स्वेत भी कहा रूमानी कम थे
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