Friday, September 28, 2012

साये का आकार

रंगों से आगाज हु

बस एक काले साये का आकार हु

खिलता रहा रंगों के बीच

फिर भी रंग ना पाया रंगों के रंग

सुन्दर था हर एक रंग

पर काली थी उनकी छाया

रंगों के इस रंग में

फीकी थी हर रंगों की माया

क्योंकि चमक रही थी हर ओर

सिर्फ श्याम रंगों की छाया

श्याम रंगों की छाया



 

No comments:

Post a Comment