सुध बुध भुला बातों में मशगुल जवानी
उलझी लट्टे बिखरे बाल
उन्मुन्दी आँखे वयां कर रही कहानी
थक के चूर ह जिंदगानी , पर
विश्राम के लिए बातों से फुर्सत कहा
इशारों इशारों में समझा रही जवानी
लुफ्त जो ना लिया इस पल
गुफ्तगुं बन जायेगी परेशानी
भुला सुध बुध बातों में मशगुल जवानी
उलझी लट्टे बिखरे बाल
उन्मुन्दी आँखे वयां कर रही कहानी
थक के चूर ह जिंदगानी , पर
विश्राम के लिए बातों से फुर्सत कहा
इशारों इशारों में समझा रही जवानी
लुफ्त जो ना लिया इस पल
गुफ्तगुं बन जायेगी परेशानी
भुला सुध बुध बातों में मशगुल जवानी
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