RAAGDEVRAN
POEMS BY MANOJ KAYAL
Thursday, August 16, 2012
फूल
फूल बन वेणी में गूँथ
बालों में सज जाऊ मैं
माला में पिरों
गर्दन में सज
जाऊ मैं
श्री चरणों में चढ़
कदमो से उनके लिपट
जाऊ मैं
पर
दिल कह रहा है
शहीदों की वेदी पे सज
जीवन अपना सफल कर जाऊ मैं
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