RAAGDEVRAN
POEMS BY MANOJ KAYAL
Tuesday, July 10, 2012
उदासी
हुस्न ने पूछा जिन्दगी से
तू इतनी उदास क्यों है
कहा जिन्दगी ने
ढल गयी जवानी तुम्हारी
अब दरकार नहीं तुम्हारी
छोड़ अब तुझे जाना है
आशियाँ नया बसना है
संग तेरे जो पल बिताएं
यह उदासी उन्ही यादों का साया है
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