RAAGDEVRAN
POEMS BY MANOJ KAYAL
Wednesday, July 18, 2012
अरमानों के रंग
उड़ रही जिन्दगी की पतंग
लगा सपनों के पंख
रंग बी रंगों से रंगी
कर रही अटखेलियाँ
इन्द्रधनुषी रंगों के रंग
जीवन साँसों ने थाम रखी
जैसे इसकी डोर
कटने से पहले भरने इसमें
सच्चे सपनों के रंग
उड़ा इसे पूरे करने
जीवन
अरमानों के रंग
जीवन
अरमानों के रंग
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