RAAGDEVRAN
POEMS BY MANOJ KAYAL
Monday, June 11, 2012
फिर से
इन्तजार था यार का
तपस्या
थी प्यार की
वो आएगी फिर से
ऐतबार था दिल पे
नाम लिखा जिसका इन साँसों पर
इन्तजार रहेगा उनका आखरी पल तक
बिन मिले यार से
जुदा ना हो पाएगी रूह जान से
वो आएगी फिर से
कह रही धड़कने बाकी
सफल होगी आरधना सारी
मिलेगा प्यार फिर से
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