RAAGDEVRAN
POEMS BY MANOJ KAYAL
Sunday, June 17, 2012
प्यार की डोर
बंधी है जिससे दिलों की डोर
प्यार की है वो डोर
दूर होते हुए भी
महकती है जिससे साँसों की डोर
प्यार की है वो डोर
निहारती है आँखे जिसे ओर
प्यार की है वो डोर
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