RAAGDEVRAN
POEMS BY MANOJ KAYAL
Monday, June 25, 2012
किनारा
किनारा तलाशते ना जाने किधर बह आया
तेज बहाव ना जाने किस ओर खिंच लाया
अथाह सागर में डूबता अकेला नज़र आया
मीलों दूर तक ना कोई तट नज़र आया
किनारा तलाशते ना जाने किधर बह आया
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