कई बार कई बात अधूरी रह जाती है
जुबाँ पे आते आते बात रुक जाती है
लफ्ज कहीं फिसल ना जाये
सुनके जिसे जिन्दगी कहीं ठहर ना जाये
वो बात कहने से जुबाँ कतरा जाती है
इस उल्फत में जो बात अधूरी रह जाती है
जीवन भर का दर्द वो दे जाती है
कई बार कई बात अधूरी रह जाती है
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