काश मैं अपने दर्द को जुबां दे पाता
दर्द आखिर होता क्या है
ए खुदा तुमको भी ए बतला पाता
जो गम समेटे इस छोटे से दिल में
उनसे रूबरू तुमको भी करवा पाता
काश में अपने दर्द को जुबां दे पाता
जीन आँखों से आंसुओ ने भी नाता तोड़ लिया
उन सूनी आँखों कर दर्द तुमको दिखला पाता
अपने बिखरे सपनों के रंग तुमको वयां कर पाता
काश मैं अपने दर्द को जुबां दे पाता
हौसला अफजाई के बहुत बहुत धन्यवाद्
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