ले आया वक़्त वहाँ
यादों का मेला लगा था जहाँ
बीनने लगा यादों के गुल
खिलने लगे गुजरे कल के फूल
संजोने यादों का सफ़र
वक़्त ने दी थी दस्तक
चुन चुन यादों के फूल
समेटने लगा भूली यादों के गुल
मिल गया जैसे कोई बिछुड़ा अपना
रो पड़ा दिल
जैसे सच हो गया कोई सपना
एक पल को थम गया वक़्त हमारा
मिल गया बचपन
खो गया था जो जाने कहीं
छुड़ा हाथ हमारा
ले आया वक़्त वहाँ
यादों का मेला लगा था जहाँ
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