RAAGDEVRAN
POEMS BY MANOJ KAYAL
Tuesday, May 1, 2012
मीठी बातें
अधखुली पलकें
मंद मंद मुस्काती साँसे
कह रही शरारत निगाहें
खामोश लव
ठंडी आहें
कर रही दिल की बातें
देख खिलते गुलाब को
याद आ गयी
प्रियतम की वो मीठी बातें
No comments:
Post a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment