लग रहा गुलाब उदास है
मुरझाया कुम्हलाया जैसे खाब्ब है
गरज गरज बरस रहा अम्बर
जैसे करुण रुदन की पुकार है
घिर गया दिन में अंधियारा
जैसे सूर्य ग्रहण की छावँ है
बिखर गया ह़र रंग
जैसे कोई सूनी मांग है
लग रहा गुलाब उदास है
लग रहा गुलाब उदास है
Monday, May 28, 2012
मोम
तराशने लगे जब हाथ
पिघलने लगे पत्थर भी
जैसे मोम पिघल जाये
पा हुनर भरा हाथ
निखर आयी पत्थर की मूरत
बदल गयी किस्मत
जैसे बेजान जिस्म में
प्राण चले आये
पिघलने लगे पत्थर भी
जैसे मोम पिघल जाये
पा हुनर भरा हाथ
निखर आयी पत्थर की मूरत
बदल गयी किस्मत
जैसे बेजान जिस्म में
प्राण चले आये
Friday, May 25, 2012
नंगे कदम
सूरज की तपिश तन झुलसाए
पैरों में छाले पड़ते जाये
मंजिल कहीं पीछे ना छुट जाये
नंगे कदम दौड़ा चला जा रहा हु
कांटे पत्थर चुभते जाये
लहुलुहान जिस्म होता जाये
कदम कहीं थक ना जाये
नंगे कदम दौड़ा चला जा रहा हु
पाने को आतुर
छूने को व्याकुल
करने सपने को साकार
नंगे कदम दौड़ा चला जा रहा हु
पैरों में छाले पड़ते जाये
मंजिल कहीं पीछे ना छुट जाये
नंगे कदम दौड़ा चला जा रहा हु
कांटे पत्थर चुभते जाये
लहुलुहान जिस्म होता जाये
कदम कहीं थक ना जाये
नंगे कदम दौड़ा चला जा रहा हु
पाने को आतुर
छूने को व्याकुल
करने सपने को साकार
नंगे कदम दौड़ा चला जा रहा हु
Thursday, May 17, 2012
कहानी
गुजरे कल की कहानी है
सपनो में ढली जिंदगानी है
धुन ना जाने क्या थी
मस्ती से सराबोर थी
रुकते नहीं कदम थे
मचलते रहते अरमान थे
जादू में लिपटी
जैसे लय और ताल थी
जीवन संगीत और गीत भरी धड़कने
रूह की जान थी
सपनो में ढली वो जिंदगानी थी
सपनो में ढली जिंदगानी है
धुन ना जाने क्या थी
मस्ती से सराबोर थी
रुकते नहीं कदम थे
मचलते रहते अरमान थे
जादू में लिपटी
जैसे लय और ताल थी
जीवन संगीत और गीत भरी धड़कने
रूह की जान थी
सपनो में ढली वो जिंदगानी थी
Wednesday, May 2, 2012
सवाल
संभव नहीं हर सवालों के जवाब
टटोल नहीं पाते हर पल दिल की बात
कभी कभी इसलिए अधूरी रह जाती है तलाश
ओर बन जाती है जिन्दगी खुद एक सवाल
किरण
सुबह की किरण नई सौगात ले आयी
जैसे खुशियों की बारात चली आई
चहक उठा मन झूम उठा तन
प्रभात बेला संदेसा नया ले आई
था जिसका इन्तजार
लो वो बेला चली आई
रोशनी की एक किरण
जीवन में नया उज्जाला ले आई
सुबह की किरण नई सौगात ले आयी
जैसे खुशियों की बारात चली आई
जैसे खुशियों की बारात चली आई
चहक उठा मन झूम उठा तन
प्रभात बेला संदेसा नया ले आई
था जिसका इन्तजार
लो वो बेला चली आई
रोशनी की एक किरण
जीवन में नया उज्जाला ले आई
सुबह की किरण नई सौगात ले आयी
जैसे खुशियों की बारात चली आई
Tuesday, May 1, 2012
यादों का मेला
ले आया वक़्त वहाँ
यादों का मेला लगा था जहाँ
बीनने लगा यादों के गुल
खिलने लगे गुजरे कल के फूल
संजोने यादों का सफ़र
वक़्त ने दी थी दस्तक
चुन चुन यादों के फूल
समेटने लगा भूली यादों के गुल
मिल गया जैसे कोई बिछुड़ा अपना
रो पड़ा दिल
जैसे सच हो गया कोई सपना
एक पल को थम गया वक़्त हमारा
मिल गया बचपन
खो गया था जो जाने कहीं
छुड़ा हाथ हमारा
ले आया वक़्त वहाँ
यादों का मेला लगा था जहाँ
यादों का मेला लगा था जहाँ
बीनने लगा यादों के गुल
खिलने लगे गुजरे कल के फूल
संजोने यादों का सफ़र
वक़्त ने दी थी दस्तक
चुन चुन यादों के फूल
समेटने लगा भूली यादों के गुल
मिल गया जैसे कोई बिछुड़ा अपना
रो पड़ा दिल
जैसे सच हो गया कोई सपना
एक पल को थम गया वक़्त हमारा
मिल गया बचपन
खो गया था जो जाने कहीं
छुड़ा हाथ हमारा
ले आया वक़्त वहाँ
यादों का मेला लगा था जहाँ
रूह
गुजरा बचपन जीन गलियों में
रूह बस्ती है उन पगडंडियों में
बात उस शहर की थी बड़ी निराली
हार पेड़ पोधो से थी पहचान हमारी
गली मोहलो की थी शान निराली
हँसी ठिठोली में गुजर जाती थी शाम सुहानी
खुले आसमां तले
तारे गिन गिन
सपनों में खो जाती थी रात सयानी
बस गयी इन सबों में रूह हमारी
गुजर गया बचपन
छुट गया शहर संगी साथी
पर रह गयी यादें वही कही भटकती
रूह बस्ती है इनमे जैसे हमारी
रूह बस्ती है उन पगडंडियों में
बात उस शहर की थी बड़ी निराली
हार पेड़ पोधो से थी पहचान हमारी
गली मोहलो की थी शान निराली
हँसी ठिठोली में गुजर जाती थी शाम सुहानी
खुले आसमां तले
तारे गिन गिन
सपनों में खो जाती थी रात सयानी
बस गयी इन सबों में रूह हमारी
गुजर गया बचपन
छुट गया शहर संगी साथी
पर रह गयी यादें वही कही भटकती
रूह बस्ती है इनमे जैसे हमारी
मीठी बातें
अधखुली पलकें
मंद मंद मुस्काती साँसे
कह रही शरारत निगाहें
खामोश लव
ठंडी आहें
कर रही दिल की बातें
देख खिलते गुलाब को
याद आ गयी
प्रियतम की वो मीठी बातें
मंद मंद मुस्काती साँसे
कह रही शरारत निगाहें
खामोश लव
ठंडी आहें
कर रही दिल की बातें
देख खिलते गुलाब को
याद आ गयी
प्रियतम की वो मीठी बातें
भागा
मैं जो भागा आया
दुनिया पीछे छोड़ आया
वक़्त निकल ना जाये आगे
मैं रह ना जाऊं पीछे
पकड़ी रफ़्तार ऐसी
समय से आगे निकल आया
मैं जो भागा आया
दुनिया पीछे छोड़ आया
दुनिया पीछे छोड़ आया
वक़्त निकल ना जाये आगे
मैं रह ना जाऊं पीछे
पकड़ी रफ़्तार ऐसी
समय से आगे निकल आया
मैं जो भागा आया
दुनिया पीछे छोड़ आया
पल में
खबर मरने की आयी
अर्थी फूलों से सज गयी
राम नाम की धार बह गयी
चिता अंगारा बन गयी
मुक्त आत्मा हो गयी
अर्थी फूलों से सज गयी
राम नाम की धार बह गयी
चिता अंगारा बन गयी
मुक्त आत्मा हो गयी
जिन्दगी पल में राख हो गयी
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