RAAGDEVRAN
POEMS BY MANOJ KAYAL
Tuesday, May 1, 2012
पल में
खबर मरने की आयी
अर्थी फूलों से सज गयी
राम नाम की धार बह गयी
चिता अंगारा बन गयी
मुक्त आत्मा हो गयी
जिन्दगी पल में राख हो गयी
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