लुट गए रंग
उस रूमानी शाम
दीदार हुए जब चाँद के
छलक गए नयनों के जाम
लुट गए रंग
उस रूमानी शाम
शबनम में जैसे लिपटा गुलाब
चुरा ले गया दिल के तार
फ़िदा हो गयी मोहब्बत
निखर गयी चहरे पे मुस्कान
लुट गए रंग
उस रूमानी शाम
सुन झनझन झांझर की झंकार
छन छन चूड़ियों की खनकार
मचल गए दिल के अरमान
लुट गए रंग
उस रूमानी शाम
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