RAAGDEVRAN
POEMS BY MANOJ KAYAL
Wednesday, March 14, 2012
भाग्य उदय
होगा भाग्य उदय
मुझ बदनसीब कर भी
लगा सर पे तिलक
ली है ए शपथ
लिखूंगा तक़दीर ऐसी
देखते रह जायेगा खुद विधाता भी
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