RAAGDEVRAN
POEMS BY MANOJ KAYAL
Saturday, March 10, 2012
फूल
छुप गया फूल झुरमुट के नीचे
नज़र ना लगे किसीकी
ओझल हो गया नजरों से ऐसे
प्रात: जब माली लगा कतरने झुरमुट
खिल उठा फूल कर रंग रूप
देख इस सौंदर्य नज़ारे को
निखर गया दिवाकर कर नूर
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