RAAGDEVRAN
POEMS BY MANOJ KAYAL
Tuesday, March 6, 2012
बदली दुनिया
पल में दुनिया सारी बदल गयी
वो मासूमियत वो बचपन
जाने कहा खो गयी
लहर दर्द की जो उठी
संग अपने खुशियाँ सारी बहा ले गयी
छुट गया लड़क्पन कही
अब तो वो याद भी नहीं
पल में दुनिया सारी बदल गयी
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