RAAGDEVRAN
POEMS BY MANOJ KAYAL
Tuesday, January 31, 2012
दिल कर डर
खुदा तुने इस सीने को जख्म इतने दीये
दिल अब तुझसे दुआ करने से भी डरता है
खंजर तुने पीठ में ऐसे उतारे
अब तेरी चौखट चढ़ने से भी दिल ए डरता है
जाने आज तलक खफा तू क्यों है
अब तो तुझको अपना कहने से भी दिल डरता है
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