खुदा तुने इस सीने को जख्म इतने दीये
दिल अब तुझसे दुआ करने से भी डरता है
खंजर तुने पीठ में ऐसे उतारे
अब तेरी चौखट चढ़ने से भी दिल ए डरता है
जाने आज तलक खफा तू क्यों है
अब तो तुझको अपना कहने से भी दिल डरता है
Tuesday, January 31, 2012
सूनी नज़र
जी जिन्दगी जीन सपनों के संग
बिखर गए वो इन्द्रधनुषी रंग
करवट ली समय ने ऐसे पल
सपने सच होने से पहले
लग गयी बेदर्द जमाने की नज़र
टूट गए सपने
सूनी रह गयी नज़र
बिखर गए वो इन्द्रधनुषी रंग
करवट ली समय ने ऐसे पल
सपने सच होने से पहले
लग गयी बेदर्द जमाने की नज़र
टूट गए सपने
सूनी रह गयी नज़र
पत्थर
जब से इन चंचल नयनों के खाब्ब लूटे
पत्थर की मूरत ए बन गए
शोख सुन्दर लफ्ज
खामोश ऐसे हो गए
लब मानो किसी ने सी दीये
पत्थर की मूरत ए बन गए
शोख सुन्दर लफ्ज
खामोश ऐसे हो गए
लब मानो किसी ने सी दीये
यादों की महक
जहन में बैचैनी
मष्तिश्क पे जोर
फिर भी याद नहीं रही
वो कल्पना की खोज
यादों के भंवर को
शायद लग गयी हो नज़र
या धूमिल पड़ गयी हो
यादों की महक
मष्तिश्क पे जोर
फिर भी याद नहीं रही
वो कल्पना की खोज
यादों के भंवर को
शायद लग गयी हो नज़र
या धूमिल पड़ गयी हो
यादों की महक
क्या से क्या
सपनों के पतंग की डोर कट गयी
जिन्दगी क्या से क्या हो गयी
लुट गयी अरमानों की दौलत
मोहताज जिन्दगी जीने को हो गयी
जिन्दगी क्या से क्या हो गयी
लुट गयी अरमानों की दौलत
मोहताज जिन्दगी जीने को हो गयी
सपना साकार
मुस्का रहा था खाब्ब
शरमा रहा था चाँद
पहली पहली थी मुलाक़ात
उलझ रही थी सांस
प्यार तलाश रही थी आँख
थामा जो सनम कर हाथ
बज उठे दिल के तार
मिल गया प्यार
हो गया सपना साकार
शरमा रहा था चाँद
पहली पहली थी मुलाक़ात
उलझ रही थी सांस
प्यार तलाश रही थी आँख
थामा जो सनम कर हाथ
बज उठे दिल के तार
मिल गया प्यार
हो गया सपना साकार
पनघट
पनघट की छटा निराली
कुंए में पानी पानी में गागरी
सर पे मटके कमर के झटके
चले जब पनिहारन उछले गागरी
खनके चूडियाँ बाजे झांझर वावरी
शर्माए घूँघट में पनिहारनी
फुट जाये जब सर पे रखी गागरी
कुंए में पानी पानी में गागरी
सर पे मटके कमर के झटके
चले जब पनिहारन उछले गागरी
खनके चूडियाँ बाजे झांझर वावरी
शर्माए घूँघट में पनिहारनी
फुट जाये जब सर पे रखी गागरी
Saturday, January 7, 2012
ख़ामोशी
तलाशी जिन्दगी जहा
मिली मुर्दों की कब्र वहा
मरघट की सी ख़ामोशी
परसी थी वीरानगी वहा
सिरहन रही थी आँखे
उखड रही थी साँसे
भयावह मंजर ने
फैला रखी थी जैसे बाहें
कह रही हो जैसे
छोटी सी होती है जिंदगानी
पर बड़ी सी होती है रातें
मिली मुर्दों की कब्र वहा
मरघट की सी ख़ामोशी
परसी थी वीरानगी वहा
सिरहन रही थी आँखे
उखड रही थी साँसे
भयावह मंजर ने
फैला रखी थी जैसे बाहें
कह रही हो जैसे
छोटी सी होती है जिंदगानी
पर बड़ी सी होती है रातें
Friday, January 6, 2012
चंचल हिरनी
ओ चंचल हिरनी
मस्त पवन सी तेरी चाल
छा जाये बसंती फुहार
सुन तेरी पायल की झंकार
ओ रे मस्त मोरनी
नाचे मन वावारा
लहराए आँचल तेरा
चले जब तू हिरनी सी चाल
ओ स्वर कोकिला
सुन तेरी कूहू कूहू पुकार
झूमे दिल पपहिया
बाजे दिल के तार
ओ मस्त मोरनी
हिरनी सी तेरी चाल
मस्त पवन सी तेरी चाल
छा जाये बसंती फुहार
सुन तेरी पायल की झंकार
ओ रे मस्त मोरनी
नाचे मन वावारा
लहराए आँचल तेरा
चले जब तू हिरनी सी चाल
ओ स्वर कोकिला
सुन तेरी कूहू कूहू पुकार
झूमे दिल पपहिया
बाजे दिल के तार
ओ मस्त मोरनी
हिरनी सी तेरी चाल
हसीन शाम
जिन्दगी के एक मुकाम
मिली थी एक हसीन शाम
सबसे जुदा सबसे हसीन
उसमे थी कुछ ख़ास बात
आज भी तरोताजा है दिल में
उस तारों भरी रात की बात
ढल गयी थी रात
छुप गया था चाँद
जीने के लिए
इतना सा ही काफी था
उन बीते लहमो का साथ
जिन्दगी के एक मुकाम
मिली थी एक हसीन शाम
मिली थी एक हसीन शाम
सबसे जुदा सबसे हसीन
उसमे थी कुछ ख़ास बात
आज भी तरोताजा है दिल में
उस तारों भरी रात की बात
ढल गयी थी रात
छुप गया था चाँद
जीने के लिए
इतना सा ही काफी था
उन बीते लहमो का साथ
जिन्दगी के एक मुकाम
मिली थी एक हसीन शाम
जवाँ प्यार
घटती उम्र की नहीं
बड्ती उम्र की निशानी है प्यार
उम्र की ह़र दहलीज पे
सपनों की रवानगी है प्यार
ढलती उम्र में
गुजरे कल की निशानी है प्यार
साक्षी है इतिहास
उम्र की नहीं
दिलों की दीवानगी है प्यार
शायद इसीलिए
ढल जाती है उम्र
जवाँ हो जाता है प्यार
बड्ती उम्र की निशानी है प्यार
उम्र की ह़र दहलीज पे
सपनों की रवानगी है प्यार
ढलती उम्र में
गुजरे कल की निशानी है प्यार
साक्षी है इतिहास
उम्र की नहीं
दिलों की दीवानगी है प्यार
शायद इसीलिए
ढल जाती है उम्र
जवाँ हो जाता है प्यार
पिता की याद
स्वीकार कर श्रद्धा के फूल
करदो आस हमारी पूर्ण
आशीर्वाद आपका संग रहे सदा
जैसे यादों के चिराग रोशन रहे सदा
करदो आस हमारी पूर्ण
आशीर्वाद आपका संग रहे सदा
जैसे यादों के चिराग रोशन रहे सदा
बंधन
तेरी घनी जुल्फों में छुप जाऊ
या तेरी सुनहरी आँखों में कैद हो जाऊ
दिल पर यह कह रहा है
आँचल बन तेरे सीने से लिपट जाऊ
कभी जुदा ना हो सके
उस प्यारे से बंधन में बांध जाऊ
या तेरी सुनहरी आँखों में कैद हो जाऊ
दिल पर यह कह रहा है
आँचल बन तेरे सीने से लिपट जाऊ
कभी जुदा ना हो सके
उस प्यारे से बंधन में बांध जाऊ
किस्मत का सितारा
फिजा की महक बन जाऊ
खाब्बों के रंग बन जाऊ
आँखों की नींद बन जाऊ
मिल जाये प्यार सच्चा तो
दिल के अरमान बन जाऊ
माथे की बिंदिया बन जाऊ
पूजा की थाल बन जाऊ
तुम जो चाहो तो तेरे इश्क में
देवदास बन जाऊ
मजनू बन जाऊ
दीवाना बन जाऊ
तू जो कह दे तो
तेरा सिंदूर बन जाऊ
तेरा चाँद बन जाऊ
तेरी किस्मत का सितारा बन जाऊ
खाब्बों के रंग बन जाऊ
आँखों की नींद बन जाऊ
मिल जाये प्यार सच्चा तो
दिल के अरमान बन जाऊ
माथे की बिंदिया बन जाऊ
पूजा की थाल बन जाऊ
तुम जो चाहो तो तेरे इश्क में
देवदास बन जाऊ
मजनू बन जाऊ
दीवाना बन जाऊ
तू जो कह दे तो
तेरा सिंदूर बन जाऊ
तेरा चाँद बन जाऊ
तेरी किस्मत का सितारा बन जाऊ
क्षण दो क्षण
प्रकृति की गोद में बैठ
क्षण दो क्षण कुदरत निहारु
उदभव उदय उत्सर्ग निहारु
चंचल सौम्य स्वरुप निहारु
बदल रही घटाओं में
अंकुरित हो रहे नये बीज निहारु
इस रमणीय हसीन नजरे को संजो रखने
प्रकृति की गोद में बैठ
क्षण दो क्षण कुदरत निहारु
क्षण दो क्षण कुदरत निहारु
उदभव उदय उत्सर्ग निहारु
चंचल सौम्य स्वरुप निहारु
बदल रही घटाओं में
अंकुरित हो रहे नये बीज निहारु
इस रमणीय हसीन नजरे को संजो रखने
प्रकृति की गोद में बैठ
क्षण दो क्षण कुदरत निहारु
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