RAAGDEVRAN
POEMS BY MANOJ KAYAL
Wednesday, December 7, 2011
मन का डर
मन ए कहता है
दिल ए डरता है
टूट जाता है दिल
पास आके कोई
दूर जब हो जाता है
मन ए कहता है
दिल ए रोता है
इश्क में जब डूब जाता है
चैन दिल का लुट जाता है
मन ए कहता है
लगन जब लगती है
दिल ए जलता है
पाने को मचलता है
इसलिए दिल ए डरता है
मन ए कहता है
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