RAAGDEVRAN
POEMS BY MANOJ KAYAL
Wednesday, December 28, 2011
जिया
वो गुजरे कल की बात करूँ
या आने वाले पल की बात करूँ
छोड़ो चलो आज की बात करूँ
हर पल नयी उमंग लिए जीवन आत्मसात करूँ
रह ना जाये कोई ख्वाइश अधूरी
इसलिए इस पल में जिया करूँ
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