RAAGDEVRAN
POEMS BY MANOJ KAYAL
Thursday, December 29, 2011
शर्मिंदा
उम्र पूछ शर्मिंदा ना करो यार
बस इतना तुम जानलो यार
लड्क्क्पन अभी गुजरा नहीं यार
जवानी अभी हमसे रुसवा हुई नहीं यार
उम्र पूछ शर्मिंदा ना करो यार
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