लाखों तारों में चाँद अकेला
चांदनी की उसकी आगे
शर्माए तारों का मेला
जगमग करते तारों के बीच
चमके जैसे माथे की बिंदिया
बदले रूप देख तारों की बेला
नज़र ना लगे किसीकी
लगा लिया काजल का टीका
चाँद अकेला पर बात निराली
इसके आगे तारों की टोली हारी
फिर भी लाखों तारों में चाँद अकेला
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