RAAGDEVRAN
POEMS BY MANOJ KAYAL
Thursday, December 1, 2011
नयनों की भाषा
सदियाँ लग गयी जीन लफ्जों को कहने में
आँखों ने पल वो कह डाली
छुआ जब दिल को प्यार ने
अश्रु धरा बह आयी
इन्तजार खत्म हुआ
नयनों को नयनों की भाषा समझ आयी
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