RAAGDEVRAN
POEMS BY MANOJ KAYAL
Thursday, December 1, 2011
दूजी बेला
प्यार जो पनपा
शादी के बंधन में महका
सुन्दर फूल खिले दो ऐसे
प्यार का आंगना खुशियों से छलका
उड़ गया वक़्त पंख लगा के
आ गयी स्वर्ण बेला
वर्ण किया फिर एक दूजे को
शुरू हो गयी प्यार की दूजी बेला
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