नज़र लग गयी दोस्ती को हमारी
दो दिन में बिखर गयी यारी हमारी
रुसवा ऐसी हुई यारी
दिल आंसुओ के संग छोड़ गयी यारी
डर लग रहा अब करने में यारी
कहीं किसी छोटी सी तकरार पे
रूठ धोखा ना दे जाये ऐ यारी
नज़र लग गयी दोस्ती को हमारी
Friday, December 30, 2011
नया साल
इस रात के संग साल गुजर जायेगा
आनेवाली सुबह के संग नये साल का सबेरा आयेगा
कुछ खट्टी कुछ मिट्ठी यादों से भरा
यह वर्ष पल में विदा कह जायेगा
आशा करे आनेवाला नया वर्ष
नया जोश नयी उमंग लेकर आयेगा
आनेवाली सुबह के संग नये साल का सबेरा आयेगा
कुछ खट्टी कुछ मिट्ठी यादों से भरा
यह वर्ष पल में विदा कह जायेगा
आशा करे आनेवाला नया वर्ष
नया जोश नयी उमंग लेकर आयेगा
जीत हार
तुम से जीत के भी
हारने को मन करता
तुम से हार
दिल को सकून मिलता है
ऐ कैसा बंधन है
जिसमे जिन्दगी हार जाने को मन करता है
तुम से जीत के भी
हारने को मन करता है
हारने को मन करता
तुम से हार
दिल को सकून मिलता है
ऐ कैसा बंधन है
जिसमे जिन्दगी हार जाने को मन करता है
तुम से जीत के भी
हारने को मन करता है
Thursday, December 29, 2011
Wednesday, December 28, 2011
जिया
वो गुजरे कल की बात करूँ
या आने वाले पल की बात करूँ
छोड़ो चलो आज की बात करूँ
हर पल नयी उमंग लिए जीवन आत्मसात करूँ
रह ना जाये कोई ख्वाइश अधूरी
इसलिए इस पल में जिया करूँ
या आने वाले पल की बात करूँ
छोड़ो चलो आज की बात करूँ
हर पल नयी उमंग लिए जीवन आत्मसात करूँ
रह ना जाये कोई ख्वाइश अधूरी
इसलिए इस पल में जिया करूँ
हजारों साल
सुन्दर सौम्य सहज
बिटिया तुम हो सबसे सरल
जिस दिन से महकी तेरी जिंदगानी
मिल गयी खुशियाँ ढेर सारी
नज़र ना लगे किसीकी
संग तेरे ऐसे ही मुस्काये कायनात सारी
सालगिरह की इस बेला
मंगल कामना यही है हमारी
हर अभिलाषा पूर्ण हो तुम्हारी
हजारों साल जीये बिटिया हमारी
बिटिया तुम हो सबसे सरल
जिस दिन से महकी तेरी जिंदगानी
मिल गयी खुशियाँ ढेर सारी
नज़र ना लगे किसीकी
संग तेरे ऐसे ही मुस्काये कायनात सारी
सालगिरह की इस बेला
मंगल कामना यही है हमारी
हर अभिलाषा पूर्ण हो तुम्हारी
हजारों साल जीये बिटिया हमारी
Tuesday, December 27, 2011
लाली
कोहरे की चादर में लिपटी
सुबह की लाली
मुस्का रही कलियाँ
खिल रही लाली
बरस रहा नूर
छा रही शबनम की लाली
सिमट रही जिन्दगी
देख ठिठुरन की लाली
कोहरे की चादर में
लिपट रही सुबह की लाली
सुबह की लाली
मुस्का रही कलियाँ
खिल रही लाली
बरस रहा नूर
छा रही शबनम की लाली
सिमट रही जिन्दगी
देख ठिठुरन की लाली
कोहरे की चादर में
लिपट रही सुबह की लाली
युवा शक्ति
भ्रमित हो रही युवा शक्ति
चन्द लोगो को कठपुतली बन
नाच रही युवा शक्ति
मकसद आवाहन को भांप नहीं रही युवा शक्ति
चक्रव्यू में फंस रही युवा शक्ति
भ्रमित हो रही युवा शक्ति
एक गलत संदेश से
धूमिल हो रही देश की हस्ती
कहीं संग देश के खत्म ना हो जाये युवा शक्ति
चन्द लोगो को कठपुतली बन
नाच रही युवा शक्ति
मकसद आवाहन को भांप नहीं रही युवा शक्ति
चक्रव्यू में फंस रही युवा शक्ति
भ्रमित हो रही युवा शक्ति
एक गलत संदेश से
धूमिल हो रही देश की हस्ती
कहीं संग देश के खत्म ना हो जाये युवा शक्ति
स्वर
स्वर जो मुखर होगा
ऐसा जलजला आयेगा
रोक ना पाये जिसे कोई
ज्वालामुखी सा ऐसा तांडव फूटेगा
तबाह हो जायेगी कायनात सारी
एक छोटी सी चिंगारी से जब
जन मानस जल उठेगा
ऐसा जलजला आयेगा
रोक ना पाये जिसे कोई
ज्वालामुखी सा ऐसा तांडव फूटेगा
तबाह हो जायेगी कायनात सारी
एक छोटी सी चिंगारी से जब
जन मानस जल उठेगा
Tuesday, December 20, 2011
जाम
मधुशाला जाते है हम तो
जाम छलकाने को
साकी रूठ ना जाये कहीं
इसलिए लबों से लगाने को
भुला सारी दुनिया
आगोश में इसकी समाने को
भटकती रूह को
इसकी मदहोशी में डुबाने को
मधुशाला जाते है हम तो
जाम छलकाने को
जाम छलकाने को
साकी रूठ ना जाये कहीं
इसलिए लबों से लगाने को
भुला सारी दुनिया
आगोश में इसकी समाने को
भटकती रूह को
इसकी मदहोशी में डुबाने को
मधुशाला जाते है हम तो
जाम छलकाने को
दोस्ती
जो पल तेरे संग गुजारे
वो सबसे हसीन बन गए
खोया जिन्दगी ने बहुत कुछ
कहीं तुमको भी खो ना दे
दुआ करो
हमारी दोस्ती को किसीकी नज़र ना लगे
वक़्त के संग ए ओर परवान चढ़े
वो सबसे हसीन बन गए
खोया जिन्दगी ने बहुत कुछ
कहीं तुमको भी खो ना दे
दुआ करो
हमारी दोस्ती को किसीकी नज़र ना लगे
वक़्त के संग ए ओर परवान चढ़े
आघात
टूटती है जब आस
बंद नज़र आते है ह़र द्वार
चीत्कार उठती है सिसकियाँ
देख ह्रदय आघात
खत्म हो जाती है जिन्दगी
अँधेरे गर्भ में समाय
टूटती है जब आस
दिल को दे जाती है आघात
बंद नज़र आते है ह़र द्वार
चीत्कार उठती है सिसकियाँ
देख ह्रदय आघात
खत्म हो जाती है जिन्दगी
अँधेरे गर्भ में समाय
टूटती है जब आस
दिल को दे जाती है आघात
Saturday, December 10, 2011
अभिशाप
जिन्दगी खोक से निकलने को छटपटाती
दर्द के संग जीवन में कदम ले आती है
नाता दर्द से जो जोड़ा
आखरी साँसों तक उसका साथ निभाती है
शायद इसिलये जिन्दगी वरदान भी
अभिशाप कहलाती है
दर्द के संग जीवन में कदम ले आती है
नाता दर्द से जो जोड़ा
आखरी साँसों तक उसका साथ निभाती है
शायद इसिलये जिन्दगी वरदान भी
अभिशाप कहलाती है
जिन्दगी का दर्द
जिन्दगी इतना दर्द क्यों देती है
ह़र दिन के बाद रात क्यों होती है
गम हल्का करे कैसे
आंसुओं से भी अब
मुलाक़ात हुआ नहीं करती है
कहे तो कहे किससे
साँसे भी दिल का साथ नहीं देती है
जिन्दगी इतना दर्द क्यों देती है
ह़र दिन के बाद रात क्यों होती है
गम हल्का करे कैसे
आंसुओं से भी अब
मुलाक़ात हुआ नहीं करती है
कहे तो कहे किससे
साँसे भी दिल का साथ नहीं देती है
जिन्दगी इतना दर्द क्यों देती है
एक बार
एक बार जो कह देती दिल की बात
फूल बिछा देता कदमों में
रोशन सितारों से राहें बना देता
थाम लेती एक पल को भी जो तू मेरा हाथ
मांग में तेरी सिंदूर सजा देता
चाँद को तेरा गुलाम बना देता
फूल बिछा देता कदमों में
रोशन सितारों से राहें बना देता
थाम लेती एक पल को भी जो तू मेरा हाथ
मांग में तेरी सिंदूर सजा देता
चाँद को तेरा गुलाम बना देता
Friday, December 9, 2011
पहली मुलाक़ात
वो पहली मुलाक़ात
जैसे पहली बारिस का अहसास
था आँखों को किसीका इन्तजार
जैसे सावन को बारिस की आस
जिया धड़क रहा था बार बार
देख सनम को आस पास
जैसे कह रहा हो चाँद
बिन चांदनी मेरा क्या है अहसास
जैसे पहली बारिस का अहसास
था आँखों को किसीका इन्तजार
जैसे सावन को बारिस की आस
जिया धड़क रहा था बार बार
देख सनम को आस पास
जैसे कह रहा हो चाँद
बिन चांदनी मेरा क्या है अहसास
छोटी गुडिया
ठुमक ठुमक चलती जाए
तितली सी उडती जाए
फूलों सी खिलती जाए
कभी हँसती जाए
कभी हँसाती जाए
दिल हर्षित करती जाए
ठुमक ठुमक चलती जाए
प्यारी सी छोटी सी ये गुडिया
तितली सी उडती जाए
फूलों सी खिलती जाए
कभी हँसती जाए
कभी हँसाती जाए
दिल हर्षित करती जाए
ठुमक ठुमक चलती जाए
प्यारी सी छोटी सी ये गुडिया
नन्ही जान
नन्ही सी तू जान
परियों की तू सरताज
देख तेरी हरकतें
दिल मन ही मन मुस्काय
तुतली जुबाँ से पुकारे जब तू
ह्रदय पुलकित तब हो जाए
परियों की तू सरताज
देख तेरी हरकतें
दिल मन ही मन मुस्काय
तुतली जुबाँ से पुकारे जब तू
ह्रदय पुलकित तब हो जाए
Thursday, December 8, 2011
उम्र
जोर चलता अगर उम्र पर
थाम लेता बचपन यहीं पर
सपनों की उस सुन्दर दुनिया में
ख्वाइश पूरी कर लेता जीने की
रंग देता जीवन के उन हसीन पलों को
बचपन की उम्र अगर फिर पास होती
काश थाम लेता बचपन यहीं पर
थाम लेता बचपन यहीं पर
सपनों की उस सुन्दर दुनिया में
ख्वाइश पूरी कर लेता जीने की
रंग देता जीवन के उन हसीन पलों को
बचपन की उम्र अगर फिर पास होती
काश थाम लेता बचपन यहीं पर
Wednesday, December 7, 2011
मन का डर
मन ए कहता है
दिल ए डरता है
टूट जाता है दिल
पास आके कोई
दूर जब हो जाता है
मन ए कहता है
दिल ए रोता है
इश्क में जब डूब जाता है
चैन दिल का लुट जाता है
मन ए कहता है
लगन जब लगती है
दिल ए जलता है
पाने को मचलता है
इसलिए दिल ए डरता है
मन ए कहता है
दिल ए डरता है
टूट जाता है दिल
पास आके कोई
दूर जब हो जाता है
मन ए कहता है
दिल ए रोता है
इश्क में जब डूब जाता है
चैन दिल का लुट जाता है
मन ए कहता है
लगन जब लगती है
दिल ए जलता है
पाने को मचलता है
इसलिए दिल ए डरता है
मन ए कहता है
विचार
असमंजस में घिरी विचारों की ध्वनि
मंथन किया शब्दार्थ का
बड़ गयी बैचनी भारी
अंतर भावार्थ से बदल गयी मौलिक अभिवैक्ती
उलझन भरे द्वन्द में तब कोंधी
रौशनी बन एक युक्ति
कठिन समय संयम करनी होगी
भावनाओ की स्थिथि
छट जायेंगे असमंजस के बादल
खुल जायेगी विचारों की गुंथी
मिल जायेगा हल
ओर पहेली के भंवर से निकल आएगी
विचारों की कस्ती
मंथन किया शब्दार्थ का
बड़ गयी बैचनी भारी
अंतर भावार्थ से बदल गयी मौलिक अभिवैक्ती
उलझन भरे द्वन्द में तब कोंधी
रौशनी बन एक युक्ति
कठिन समय संयम करनी होगी
भावनाओ की स्थिथि
छट जायेंगे असमंजस के बादल
खुल जायेगी विचारों की गुंथी
मिल जायेगा हल
ओर पहेली के भंवर से निकल आएगी
विचारों की कस्ती
छलावा
जिन्दगी एक छलावा है
इस पल सबेरा उस पल अँधियारा है
यह तो बस एक हसीन सपना है
जो मौत के संग बिखर जाना है
जीन ले जो इन पलों को खुशियों से
मरके भी वो जिन्दा रहते है लोगो के दिलों में
इस पल सबेरा उस पल अँधियारा है
यह तो बस एक हसीन सपना है
जो मौत के संग बिखर जाना है
जीन ले जो इन पलों को खुशियों से
मरके भी वो जिन्दा रहते है लोगो के दिलों में
Thursday, December 1, 2011
ढाई आखर
पा लिया जिसने ढाई आखर का ज्ञान
कर लिया उसने अमृत्व रस पान
बहे माधुर्य कंठ से
प्रेम सुधा बन वरदान
प्यार और बोलों के आलिंगन से
खुल जाये दिल के द्वार
बजे कर्णों में एक ही धुन बारम्बार
जान लिया जिसने ढाई आखर का आधार
ही गया उसका मुरीद सारा संसार
कर लिया उसने अमृत्व रस पान
बहे माधुर्य कंठ से
प्रेम सुधा बन वरदान
प्यार और बोलों के आलिंगन से
खुल जाये दिल के द्वार
बजे कर्णों में एक ही धुन बारम्बार
जान लिया जिसने ढाई आखर का आधार
ही गया उसका मुरीद सारा संसार
अकेला चाँद
लाखों तारों में चाँद अकेला
चांदनी की उसकी आगे
शर्माए तारों का मेला
जगमग करते तारों के बीच
चमके जैसे माथे की बिंदिया
बदले रूप देख तारों की बेला
नज़र ना लगे किसीकी
लगा लिया काजल का टीका
चाँद अकेला पर बात निराली
इसके आगे तारों की टोली हारी
फिर भी लाखों तारों में चाँद अकेला
चांदनी की उसकी आगे
शर्माए तारों का मेला
जगमग करते तारों के बीच
चमके जैसे माथे की बिंदिया
बदले रूप देख तारों की बेला
नज़र ना लगे किसीकी
लगा लिया काजल का टीका
चाँद अकेला पर बात निराली
इसके आगे तारों की टोली हारी
फिर भी लाखों तारों में चाँद अकेला
किस राह
किस राह चलना है
मुझको बतलाना तुम
सबक अच्छा मिले
उस राह का पता बतलाना तुम
पर बीच राह हाथ छुड़ा कर जाना न तुम
किस राह चलना है
मुझको बतलाना तुम
मुझको बतलाना तुम
सबक अच्छा मिले
उस राह का पता बतलाना तुम
पर बीच राह हाथ छुड़ा कर जाना न तुम
किस राह चलना है
मुझको बतलाना तुम
नयनों की भाषा
सदियाँ लग गयी जीन लफ्जों को कहने में
आँखों ने पल वो कह डाली
छुआ जब दिल को प्यार ने
अश्रु धरा बह आयी
इन्तजार खत्म हुआ
नयनों को नयनों की भाषा समझ आयी
आँखों ने पल वो कह डाली
छुआ जब दिल को प्यार ने
अश्रु धरा बह आयी
इन्तजार खत्म हुआ
नयनों को नयनों की भाषा समझ आयी
दूजी बेला
प्यार जो पनपा
शादी के बंधन में महका
सुन्दर फूल खिले दो ऐसे
प्यार का आंगना खुशियों से छलका
उड़ गया वक़्त पंख लगा के
आ गयी स्वर्ण बेला
वर्ण किया फिर एक दूजे को
शुरू हो गयी प्यार की दूजी बेला
शादी के बंधन में महका
सुन्दर फूल खिले दो ऐसे
प्यार का आंगना खुशियों से छलका
उड़ गया वक़्त पंख लगा के
आ गयी स्वर्ण बेला
वर्ण किया फिर एक दूजे को
शुरू हो गयी प्यार की दूजी बेला
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